टेक्नोलॉजी ने हमारे रहन सहन, क्रय-विक्रय, संवाद व मनोरंजन के तरीके- सभी को बदल दिया है। हम टेक्नोलॉजी की मदद से राजनीति के तरीकों को भी बदल सकते हैं।
अपने पिछले ब्लॉग में मैंने बताया था कि ‘धन वापसी’ को साकार करने के लिए हमें राजनीतिक पार्टियों को नयी सत्ता के साथ अप्रासंगिक बनाने की जरूरत होगी, जो- कई लोगों द्वारा बनाई जाती है, जो सबके लिए खुले होते हैं और संबंधों पर आधारित होते हैं। यहां मैं आपको बताऊंगा कि हम इसे साकार करने के लिए कैसे टेक्नोलॉजी का उपयोग कर सकते हैं?
टेक्नोलॉजी ने हमारा जीवन बदल दिया है। आप देख सकते हैं कि आज कैसे हम रहते हैं, काम करते हैं, खरीदते हैं, बेचते हैं, संवाद करते हैं और मनोरंजन करते हैं। पिछले 25 सालों से दुनिया भर में फैले लाखों भारतीयों से संपर्क करने के लिए मैंने इंटरनेट और मोबाइल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है… और अब मैं टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल उन बेड़ियों को तोड़ने के लिए करूंगा जो हमें बांधती हैं।
आइए ‘ओला’ के उदाहरण पर विचार करते हैं-
इससे पहले टैक्सी ड्राइवर एक तरह से कार-मालिकों के बंधक हुआ करते थे। अब ओला के कारण ड्राइवरों का काम और जीवन उनके अपने हाथ में रहता है।
इस टेक्नोलॉजी से यात्रियों का भी बहुत फायदा हुआ है. प्रतिस्पर्धा ने किरायों को कम किया है और सेवाओं में निरंतर सुधार भी होता रहता है। किरायों में भी पूरी पारदर्शिता रहती है। यात्रियों के पास भी ड्राइवर को तुरंत फीडबैक देने की सुविधा रहती है।
थोड़े में कहें तो यह ड्राइवर और यात्रियों दोनों के लिए फायदे वाला बदलाव साबित हुआ है। यही प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी की ताकत है।
हमें राजनीति में भी ऐसा करने की जरूरत है। हमें प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से उन जंजीरों से आज़ाद होने की जरूरत है जिनसे राजनीतिक पार्टियां हमें बांध कर रखती हैं।जिस तरह ओला ड्राइवरों को यात्रियों के साथ जोड़ता है उसी तरह ‘धन वापसी’ मंच हमें उन लोगों से जोड़ेगा जो स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहते हैं।
आप में से जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, यह उनके लिए सार्वजनिक जीवन में उतरने का नया रास्ता होगा, बिना दौलत या पॉलिटिकल गॉडफादर के। आपको केवल जनता का समर्थन चाहिए।
हम मतदाता, अपने बीच में से ही उन्हें चुनेंगे जो हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे। हम अपने मोबाइल फोन और ‘धन वापसी’ के टेक प्लेटफॉर्म के जरिए आंतरिक चुनाव करेंगे।
यह हमारी पसंद होगी और जिन लोगों को हम चुनेंगे वे हमारे लिए जवाबदेह होंगे न कि नेताओं के प्रति।
जिन लोगों का हम मूल्यांकन तथा समीक्षा करते हैं और अंत में अपने आंतरिक चुनाव के जरिए चुनते हैं वे स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में आम चुनाव लड़ेंगे जो निर्वाचन क्षेत्र की जनता के लिए जवाबदेह होंगे न कि राजनीतिक आकाओं के प्रति।
इन स्वतंत्र सांसदों को चुनने से लोक सभा का नाम सार्थक होगा जिसे- स्वतंत्र लोगों की सभा कहते हैं।
हमारी टीम नियम बना रही है कि स्वतंत्र लोगों की सभा कैसे मिलकर कार्य करेगी, कैसे प्रधानमंत्री चुना जाएगा, कैसे फैसले लिए जाएंगे। ऐसा कई देशों में पहले से हो चुका है।पिछले कुछ सालों से भारत किसी तानाशाही जैसा देश बन गया था जहां एक या दो व्यक्तियों के हाथों में सत्ता केंद्रित हुआ करती थी।
‘धन वापसी’ के टेक प्लेटफॉर्म और लोकसभा के स्वतंत्र सांसदों- जो किसी राजनीतिक पार्टी के आका के हाथों की कठपुतली नहीं होंगे- के साथ; अंततः हम असली लोकतंत्र लागू कर पाएंगे जो जनता का शासन, जनता के द्वारा, जनता के लिए होगा।
आम चुनाव में अगर हम सभी ‘धन वापसी’ मंच के आंतरिक चुनाव के जरिए हमारे द्वारा चुने गए स्वतंत्र उम्मीदवारों को वोट देते हैं तो हमारे उम्मीदवार का जीतना पक्का है। इसलिए हमारा मिशन है लोकसभा में 543 स्वतंत्र उम्मीदवारों का जीत कर आना। आपका मिशन यह है कि आपके निर्वाचन क्षेत्र से आपके अपने स्वतंत्र उम्मीदवार का चुन कर आना।
सीधे शब्दों में कहें तो- “लोक सभा जीतो। धन वापसी करो।”
स्वतंत्र सांसदों की लोकसभा- यानी इस नयी लोकसभा का सबसे पहला काम होगा- ‘धन वापसी’ बिल को पास करना।‘धन वापसी’ का यह टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म ऐसा करके रहेगा… और यह अभिनव मंच हमारे देश की राजनीति तथा भविष्य को बदल कर रख देगा। समृद्धि और स्वतंत्रता पाने के लिए 19 अक्टूबर को दशहरा पर हम इस मंच का लोकार्पण करेंगे।
जय हिंद!